भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा वर्मी कंपोस्ट योजना चन्द महीना पहले बना सेड हुआ ध्वस्त

चन्दौली ताराजीवनपुर ( प्राइम समाचार टुडे )। एक तरफ प्रदेश सरकार जहां गांव को हाईटेक बनाने और सर्व सुलभ व्यवस्थाओं को लेकर लाखों रुपया खर्च कर रही है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट एजेंसी या अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में दोयम दर्जे का काम करा रही है जिसका खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ रहा है जिसका सीधा उदाहरण क्षेत्र के सहरोई गांव में रामनिवास मिश्रा के दरवाजे पर लगभग पांच माह पूर्व बना ध्वस्त नाडेप देखकर अनुमान लगाया जा सकता है। गौरतलब हो कि शासन स्तर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा व ओडीएफ के तहत लगभग 11हजार रुपए लागत से वर्मी कंपोस्ट व नाडेप का निर्माण कराया गया है। इसमें एक तो सामुदायिक वर्मी कंपोस्ट का निर्माण कराया गया है। जहां आधा दर्जन की संख्या में एकत्रित बनाया गया है। इसके अलावा पर्सनल भी बनाया गया है। गांव के लोग अपने गाय को गोबर के अलावा खरपतवार व सड़ी सब्जियां एकत्रित करेंगे। इसे खेतों में कंपोस्ट खाद के रूप में प्रयोग किया जाएगा। लेकिन सरकार की यह योजना गांव में ध्वस्त होती दिख रही है। कहीं आधा अधूरा बना है तो कहीं इसका प्रयोग प्रयोग तक नहीं किया जा रहा है। विकास खंड सकलडीहा के सहरोई गांव में रामनिवास मिश्रा के दरवाजे पर बना नाडेप मात्र 5 महीने में ही ध्वस्त हो गया। जिससे यह शो पीस बनकर रह गया है। इससे भ्रष्टाचार की पोल सीधे तौर पर देखने को मिल रही है इस बाबत खंड विकास अधिकारी के के सिंह ने बताया कि आरआरसी द्वारा इसका पैसा सीधे ग्राम पंचायत के खाते में जाता है। इसी संस्था के तहत निर्माण भी कराया जा रहा है। अगर इस तरह का मामला है तो जांच कर कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी