
चंदौली (प्राइम समाचार टूडे) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चंदौली में 5 जून के अवसर पर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस “लैंड रिस्टॉर्शन, डेजर्टिफिकेशन और ड्रॉउट रेजिलियंस” थीम पर मनाया जा रहा है जो भूमि की बहाली, मरुस्थलीकरण एवं सूखा पर फोकस करता है। 1970 के दशक में वैश्विक स्तर पर मानव पर्यावरण के संबंधों में तेजी से गिरावट आई इसके कारण स्वीडन के स्टाकहोम सम्मेलन में विभिन्न देशों के पर्यावरणविदों ने भाग लिया। यहीं से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। डायट प्राचार्य लालजी यादव ने पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा पर्यावरण के विभिन्न घटक परस्पर एक दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं इसमें हवा, पानी, मिट्टी, पेड़ पौधे, जानवर एवं सूक्ष्मजीव शामिल हैं। प्राकृतिक संसाधनों के तीव्र दोहन एवं बदलती मानव जीवन शैली के लिए इसके गलत उपयोग से पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न की संभावनाएं बढ़ जाती है। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर उन्होंने संकाय सदस्य एवं प्रशिक्षुओं के साथ डायट परिसर में

गुलदाउदी,आम,नीम, गुड़हल, चांदनी सहित सुगंधित पुष्प एवं वृक्षारोपण का कार्य किया । उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा में कार्यरत विभिन्न शिक्षकों के लिए समय- समय पर डायट पर पर्यावरण संबंधी प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं, साथ ही विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है। डीएलएड प्रशिक्षण में पर्यावरण संबंधी पाठ्यक्रम समाहित हैं।
इस अवसर पर संकाय सदस्य डॉ रामानंद कुमार, प्रवीण कुमार राय, केदार सिंह यादव, जयंत कुमार यादव, बिजेन्द्र भारती, डॉ राजश्री सिंह, डॉ स्वाति राय, राजेश कुमार, कमर अयुब इत्यादि ने पर्यावरण के प्रति अपने विचार व्यक्त किये ।