रिपोर्टिंग बाई -आशीष त्रिपाठी
गोण्डा कनर्लगंज प्राइम समाचार टुडे :
साहित्यिक संस्था ‘बज़्मे शामे ग़ज़ल’ की शोक गोष्ठी संस्था के संरक्षक एम. ज़की बक़ाई के निधन पर अल्लामा इकबाल लाइब्रेरी मोहल्ला बालूगंज कस्बा कर्नलगंज में आयोजित हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता हाफ़िज़ व क़ारी मुहम्मद शमीम बकाई ने की। संचालन करते हुए याकू़ब सिद्दीक़ी ‘अज़्म’ ने शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में बक़ाईया सिलसिले से जुड़े हुए यतीम खाना सफ्विया के पूर्व प्रबंधक ज़की बक़ाई को भाव भीनी श्रद्धांजलि दी गई।
संरक्षक गणेश तिवारी ‘नेश’ ने अपने करीबी साथी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। संरक्षक अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने ज़की बक़ाई के सामाजिक योगदान को अविस्मरणीय बताया।महामंत्री मुजीब सिद्दीक़ी ने उन्हें लेखक,विचारक बताते हुए उन के सामाजिक व राजनीतिक कौशल पर प्रकाश डाला। व्यापार मंडल के संरक्षक उमेश मिश्रा ने यादों को ताज़ा करते हुए कहा कि ज़की साहब मेरे अच्छे दोस्त थे।मौलाना उवैस क़ादरी ने कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। मरहूम के बड़े बेटे मुज़क्की बक़ाई ने कहा कि मेरे पिता श्री ने तालीम पर आजीवन ज़ोर दिया। याकूब अज़्म ने कहा कि वह हमेशा हौसला अफज़ाई करते थे। वक्तागण ने बज़्म के संरक्षक को प्रखर वक्ता और अच्छा इंसान बताते हुए खिराजे अक़ीदत पेश किया।गोष्ठी में हाजी ज़हीर वारसी,हाजी नियाज़ क़मर,अनीस खां आरिफी, ताज मुहम्मद कुर्बान,अब्दुल कय्यूम सिद्दीकी,हरीश शुक्ल,अल्ताफ हुसैन राईनी,साबिर अली गुड्डू,कौसर सलमानी, कारी रईस क़ादरी, वीरेंद्र तिवारी बेतुक, आफाक सिद्दीकी, अजय श्रीवास्तव,रशीद माचिस, आज़म खां, समी बकाई,इरफान मसऊदी,यासीन अंसारी राजू,अशरफ सिद्दीकी, अहसन सिद्दीकी आदि मौजूद रहे और श्रद्धासुमन अर्पित किया। अध्यक्षीय संबोधन करते हुए हाफ़िज़ शमीम बकाई ने छह दशकों की ज़की बकाई की यादों का स्मरण करते हुए समापन किया।