ब्यूरो रिपोर्ट
चंदौली प्राइम समाचार टुडे जायदाद के बंटवारे को लेकर अक्सर बढ़ते विवादों को लेकर राजस्व परिषद को विभिन्न शिकायत प्राप्त हो रही थी साथ ही राजस्व कर्मियों एवं राजस्व परिषद से जुड़े अधिकारियों के हिला हवाली एवं कागजी दावपेच को लेकर परिवारजनों को कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता था वही राजस्व परिषद ने जमीन की वरासत में परिवार रजिस्टर और मृत्यु प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए स्थलीय निरीक्षण कर लेखपालों
को नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया है राजस्व परिषद ने जनपद के समस्त अपर जिलाधिकारियों एवं उपजिलाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित करते हुए कहा है कि अगर किसी ग्राम सभा में खातेदार की मृत्यु हो जाती है तो लेखपाल का यह दायित्व है कि मौके पर जाकर सत्यापन जांच करें तथा वारिसों का नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु उच्चधिकारियों को आख्या प्रेषित करें
बताते चलें कि परिवार के मुखिया की मृत्यु के उपरांत वारिसों के नाम दर्ज करने को
लेकर बड़े पैमाने पर काश्तकारों सहित आमजन मानस को परेशान होना पड़ता था यही नहीं लंबे अंतराल के बाद भी वरासत दर्ज होने में कई कागजी कार्रवाई से गुजरना पड़ता था साथ ही राजस्व कर्मियों के हीला हवाली एवं अन्य शिकायतों को लेकर आम जनमानस की तरफ से विभाग को बड़े पैमाने पर शिकायतें प्राप्त हो रही थी जिसको ध्यान में रखते हुए ऐसे राजस्व परिषद ने स्पष्ट रूप से पत्र जारी किया है