BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ प्रोफेसर ने मोर्चा खोल भ्रष्टाचार में लिप्त होने का लगाया आरोप, निलंबन की मांग


अस्पताल अधीक्षक को दिया सत्यापित अपराधी का दिया नाम, निलंबन की मांग
वाराणसी (प्राइम समाचार टुडे) बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) पूरे विश्व में अपने ख्याति एवं उपलब्धियों को लेकर जाना जाता है लेकिन समय बदलते यहां भी भ्रष्टाचार की जड़े फैलने लगी हैं मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार सर सुंदरलाल अस्पताल अधीक्षक के ऊपर व्याप्त भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप बीएचयू के ही प्रोफेसर द्वारा लगाया जा रहा है वहीं विभिन्न मामलों में लिप्त होने पर सत्यापित अपराधी का नाम देकर निलंबन की मांग की जा रही है


आपको बताते चलें कि कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डा० ओम शंकर कमरा नंबर 19 हृदय रोग विभाग में पिछले दिनों से अनशन पर हैं कार्डियोलॉजिस्ट विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर का आरोप है कि बीएचयू स्थित ब्लड बैंक के भ्रष्टाचार में अस्पताल के अधीक्षक के. के. गुप्ता संलिप्त हैं उन्होंने कहा कि पहले कार्डियोलॉजी विभाग में 47 बेड थे लेकिन अथक प्रयास से सुपर स्पेशलिटी विभागों में बिस्तरों की कमी को दूर करने के लिए 450 बेड के नए स्पेशलिटी भवन बनाने के लिए धन आवंटित कराया गया वही भवन बनने के बाद इस भवन में हृदय विभाग की सेवा विस्तार के लिए 41 और बिस्तर आवंटित किए गए जिस पर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा भवन स्थानांतरित नहीं किया गया जिसको लेकर कई बार पत्राचार किया गया

परंतु अस्पताल अधीक्षक द्वारा डिजिटल ताला लगाकर लाक रखा गया प्रोफेसर डॉ शंकर द्वारा बेड की समस्या को लेकर बार-बार पत्राचार किया गया जिस पर जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई दो महीने के जाँचोंपरान्त हृदय विभाग को सुपर स्पेशलिटी भवन में स्थानांतरित करने तथा चौथा तल एवं पांचवा तल दिए जाने का जांच कमेटी द्वारा संस्तुति कर दिया गया परंतु 5 महीने बीत जाने के बाद भी कुलपति, निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक द्वारा कमेटी के संस्तुतियों को लागू नहीं किया गया जिसको लेकर डा० प्रोफेसर शंकर द्वारा फिर से पत्राचार किया गया कई बार व्यक्तिगत रूप से आग्रह करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो विवश होकर विगत माह में बेमियादी हड़ताल अनशन को लेकर पत्र लिखा गया डॉ शंकर ने कमेटी के आदेशों को लागू करने एवं आम जनमानस की सहूलियत को लेकर विश्वविद्यालय कुलपति को पत्र लिखा वही कुलपति द्वारा पत्र का संज्ञान लेकर संबंधित क्रियान्वयन का आदेश दिया गया परंतु अस्पताल अधीक्षक द्वारा खुलेरूप से कुलपति एवं निदेशक के आदेशों की अवहेलना की गई इसी दौरान अस्पताल अधीक्षक ने हृदय विभाग को आवंटित बेड देने की बजाय उसे ओंको सर्जरी विभाग को मनमाने तरीके से आवंटित कर दिया आरोप है कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान बेड आवंटन का अधिकार बीएचयू के कानून के अनुसार निदेशक के पास होता है वहीं चिकित्सा अधीक्षक के मनमाने रवैया को लेकर प्रोफेसर द्वारा मामले की शिकायत प्रधानमंत्री एवं सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र जारी कर बताया गया इसके बावजूद भी चिकित्सा अधीक्षक के ऊपर कोई भी असर नहीं देखने को मिला जिस पर मजबूर होकर 15 मई से प्रोफेसर द्वारा “आक्रोश मार्च” विश्वनाथ मंदिर से लेकर लंका गेट तक निकाला गया जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी प्रोफेसर एवं आम जनमानस शामिल होकर चिकित्सा अधीक्षक के निलंबन एवं कार्रवाई को लेकर नारेबाजी की

कार्डियोलॉजिस्ट विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर ओम शंकर ने अपनी मांगों के बारे में बताया कि नवनिर्मित स्पेशलिटी ब्लॉक में हृदय रोग विभाग के लिए आवंटित संपूर्ण चौथ तल और आधा पंचम तल को कार्डियोलॉजी विभाग के लिए तत्काल खोला जाए भ्रष्टाचारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर के के गुप्ता को तत्काल निलंबित किया जाए अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आमरण अनशन जारी रहेगा