रिपोर्टिंग बाई कृष्ण मोहन गुप्ता
डीडीयू नगर।प्राइम समाचार टुडे चार दिवसीय डाला छठ की आरंभ मंगलवार को नहाय-खाय के साथ हुई। व्रतियों ने स्नान ध्यान के बाद चार दिवसीय व्रत का संकल्प लिया।शुद्धता के साथ चावल, चने की दाल,लौकी की सब्जी तैयार की। भगवान सूर्य को जल देने के बाद इसका भोग
लगाया। इसके साथ ही व्रत के विभिन्न अनुष्ठान की शुरूआत हुई। महिलाओं ने सरोवर तटों पर पहुंच कर पूजा के लिए वेदी का निर्माण किया। डाला छठ के पहले दिन घरों में व्रतियों ने विशेष तैयारी कर रखी थी। सुबह पूरे घर की साफ सफाई के बाद महिलाओं ने भक्ति भाव से स्नान के ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लिया। इसके बाद
पूरी शुद्धता के साथ चावल, चने की दाल और लौकी सब्जी तैयार की। दाल और सब्जी में सेंधा नमक और सरसों की तेल की जगह घी का प्रयोग किया। भोजन तैयार करने के बाद व्रतियों ने भगवान सूर्य की प्रार्थना करने और जलदान करने के बाद भोजन ग्रहण किया। इसके बाद पूरे परिवार के लोगों ने प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया। इसके साथ ही घरों में अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो गई। व्रतियों ने अपने हाथों से भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने के लिए
पकवान तैयार करने के लिए गेहूं धोया और सूखाया। वहीं घरों में छठ व्रत के गीत शुरू हो गए। दूसरी तरफ परिवार के सदस्यों के साथ व्रतियों ने भी सरोवर तटों पर पहुंच कर वेदी का निर्माण किया। जगह जगह घाट की साफ सफाई कर वहां अपना नाम लिखा और घाट छेंका। बुधवार को निराजल व्रत रख कर शाम के वक्त घाटों पर दीप दान किया जाएगा। इस दौरान घाट पूजन भी होगा। इसके बाद घरों में पहुंच कर व्रती दूध, चावल और गुड़ की बखीर तैयार कर भोग लगाएंगे। इसके बाद 36 घंटे का निराजल व्रत की शुरूआत होगी।