ब्यूरो रिपोर्ट
चंदौली: प्राइम समाचार टुडे ग्रामीण क्षेत्रों में पुत्र की लंबी उम्र की कामना के लिए जीवित्पुत्रिका पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस पर्व का आयोजन बुधवार को अपराह्न के बाद गांव के तालाब के किनारे हुआ, जहां महिलाएं एकत्रित होकर लोक परंपराओं के अनुसार गीत गाने और
कहानियाँ सुनाने में जुट गईं।बाजारों में भी इस दिन चहल-पहल देखी गई। महिलाएं प्रसाद तैयार कर रही थीं, जबकि पुरुष फल खरीदने के लिए बाजार गए थे। महिलाएं नदी, सरोवर और मंदिर परिसरों में पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचीं। जैसे-जैसे शाम हुई, व्रती महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ पूजी स्थल पर जाकर पर्व की रस्में निभाईं जीवित्पुत्रिका पर्व अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जिसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत का उद्देश्य संतान की रक्षा और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करना है। महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखती हैं, ताकि संतान की सुरक्षा और स्वास्थ्य में वृद्धि हो सके।इस प्रकार, जीवित्पुत्रिका पर्व ने ग्रामीण जीवन की समृद्ध परंपराओं को उजागर करते हुए महिलाओं के बीच एकता और प्रेम को बढ़ावा दिया।