जमीनी विवाद बना जी का जंजाल हत्यारों ने ले ली एक की जान

चन्दौली धीना ( प्राइम समाचार टुडे ) धीना थाना क्षेत्र के कजहरा गांव में जमीनी विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भीड़ गए जिसमें घायल एक युवक की मौत हो गई जिसको लेकर गांव में तनाव व्याप्त है सूचना पर पहुंचे को सकलडीहा सी ओ संग भारी फोर्स तैनात है इस मामले में पुलिस ने एक हत्यारोपी को गिरफ्तार कर लिया है प्राप्त जानकारी के अनुसार धीना थाना क्षेत्र के कर कजहरा में अजय प्रजापति 38 को शनिवार की सुबह अपने जमीन की चारदिवारी का निर्माण करते समय उनको नरेंद्र सिंह तथा उनके बेटे आशीष सिंह और अभिषेक सिंह द्वारा उनकी निजी जमीन में रास्ता छोड़ने को लेकर अनावश्यक दबाव बना रहे थे तथा कानूनी दावपेच लगाकर दो माह से काम को रोके हुए थे पीड़ित अजय प्रसाद प्रजापति द्वारा रास्ते की भूमि के एवज में घर के बगल में भूमि मांगी जा रही थी इस बात को नरेंद्र सिंह तथा उनके बेटे कदापि मानने को तैयार नहीं थे जिस पर पीड़ित अजय प्रसाद प्रजापति द्वारा अपने कार्य को प्रारंभ किया गया काम को रोकने नरेंद्र सिंह का परिवार मारना पीटना शुरू किया और नरेंद्र सिंह के पक्ष के लोगों द्वारा वहां मौजूद फावड़े से अजय प्रसाद के ऊपर हमला बोल दिया जिससे अजय के सिर में गंभीर चोट लगने से हालत गंभीर हो गई जिस पर तत्काल वाराणसी ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए रेफर कर दिया गया वहीं इलाज के दौरान रविवार को अजय प्रसाद की मौत हो गई मौत की सूचना के बाद परिवार में कोहराम मच गया वही मौके पर तनाव की स्थिति को भापते हुए आसपास के कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी रघुराज ने घटना में व्यक्ति एक को गिरफ्तार कर लिया घटना के बारे में जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी रघुराज ने बताया कि जमीनी विवाद में एक व्यक्ति को गंभीर चोटे लगने की वजह से ट्रामा सेंटर में उपचार किया जा रहा था वहीं रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने में जुड़ गई है जिसमें एक नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया है मृतक का पोस्टमार्टम वाराणसी कराया जाएगा
गांव के लोगों की माने तो जमीनी विवाद को लेकर नरेंद्र सिंह सहित उनका परिवार आतंक का पर्याय बना हुआ है
हमेशा से जमीनी विवाद बड़ी घटना का मूल कारण बनता है जनपद में जमीनी विवाद को लेकर जिलाधिकारी और पूर्व एसपी ने संयुक्त टीम के माध्यम से निस्तारित करने को लेकर निर्देश जारी किये गया है परंतु अधीनस्थ कर्मचारियों पर इन आदेशों का कोई भी असर दिखाई नही देता है जिसका उदाहरण यह घटना है आखिर क्यों बड़ी घटना को लेकर इंतजार में रहते हैं यह अधिकारी क्या जमीनी विवाद सुलझा पाना इतना मुश्किल है जो घटना के बाद ही समाप्त हो सकता है जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा लापरवाही को लेकर हमेशा कार्रवाई को लेकर वक्तव्य दिया जाता है परंतु किसी बड़ी घटना में लापरवाही मिलने पर लीपापोती की कार्रवाई शुरू कर दी जाती है आखिर क्या वजह है कि किसी भी मामले के निस्तारण में लापरवाही मिलने पर भी कर्मचारियों के ऊपर गाज नहीं गिर पाती यही कारण है कि एक मामले में 30 से 40 बार भी प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी समस्याओं का हल नहीं निकल पाता जिसके कारण आम जनमानस का विश्वास ऐसे अधिकारियों से उठता दिखाई दे रहा है