
वाराणसी ( प्राइम समाचार टुडे ) गोड़ आदिवासी समुदाय गोंड वीरांगना महारानी दुर्गावती के 460 वें बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष शौय दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित कर धूमधाम से मनायेगा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान प्रबंधक बृजभान मरावी ने बताया कि मध्यकालीन भारत के महान गोंडवाना साम्राज्य की शासनकाल में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता की रक्षा में गोंड वीरांगना महारानी दुर्गावती जी का मुगल शासकों के विरूद्ध किए गए लड़ाई में उनकी शौर्य, त्याग और बलिदान भारत की गौरवशाली इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

महान वीरांगना की जीवन को आदिवासी समुदाय उनके बलिदान दिवस 24 जून 1564 को उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष शौय दिवस के रूप में धूमधाम से मनाता है। जनजातीय समाज के महापुरूषों/ नायको/वीरांगनाओं की शौर्य एवं बलिदान के ऐतिहासिक प्रेरणादायक जीवनी पर परिचर्चा राष्ट्र एवं चरित्र निर्माण को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे गोंड वीरांगना महारानी दुर्गावती जी के 460 वें बलिदान दिवस कार्यक्रम उ0 प्र0 लोक एवं जनजाति कला संस्कृति संस्थान, लखनऊ एवं जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय ‘‘मध्यकालीन भारत की राष्ट्रीय एकता: गोंड वीरांगना महारानी दुर्गावती जी का योगदान’’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी, आदिवासी चित्रकला एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर गोड़ आदिवासी धूमधाम से मनाएंगे