
ब्यूरो रिपोर्ट
सकलडीहा (प्राइम समाचार टुडे) पीजी कॉलेज सकलडीहा में “पढ़े महाविद्यालय ,बढ़े महाविद्यालय” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो.प्रदीप कुमार पाण्डेय ने कहा कि यदि भारत को विश्व गुरु बनना है तो सर्वप्रथम अपने अंदर पुस्तकीय पाठन को विकसित करना पड़ेगा ,क्योंकि पढ़ने से ही कोई भी नया परिवर्तन और नयापन आता है। शिक्षा भगवान शिव का तीसरा नेत्र होता है। श्री पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह दहाड़ेगा भौतिक संसाधन को कोई भी चुरा सकता है परंतु अर्जित किए गए ज्ञान को कोई भी नहीं चुरा सकता इसलिए अधिक से अधिक अध्ययन करते हुए ज्ञान प्राप्ति का प्रयास करें प्रो. दया शंकर सिंह यादव ने कहा कि डिजिटल तकनीक युग में यदि हम प्रमाणिक ज्ञान की बात करें तो वह हमें पुस्तक देती इसलिए पुस्तक पढ़ना ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। कहा कि सीखने की सभी स्किलों में पढ़ने का स्कील सबसे महत्वपूर्ण साधन है ।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक यज्ञ नाथ पाण्डेय द्वारा किया। कार्यक्रम में डॉ.इंद्रजीत सिंह ,डॉ. मनीष राय, डॉ. अभय वर्मा, डॉ. पवन कुमार ओझा ,डॉ. जितेंद्र यादव एवं अनेक प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे,