रिपोर्टिंग बाई – आशीष त्रिपाठी
गोंडा:-मनकापुर प्राइम समाचार टुडे
इस समय दर्जनो सफाई कर्मचारी अपने मूल कार्य को छोड़कर ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय तक अधिकारियो की चौखटो पर जी हूजूरी करते देखे जा सकते है। कई सफाई कर्मचारी अपने मिले हुए गांव के पुरवा का रास्ता भी नही जानते होंगे।
ऐसा ही एक मामला फिर उभर कर सामने आया है जो विकासखण्ड नबाबगंज के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय करौंदी का है। जहां पर आए दिन सफाई कर्मचारी रामदीन वर्मा की लापरवाही देखने को मिलती हैं। जो कभी भी न तो गांव मे दिखाई देते है और न ही साफ-सफाई करते है
गांव वालो से जब पूछा गया तो पता चला की गांव की सड़को-नालियो पर न तो कभी दवा मरवाया जाता है और न ही कभी भी इसको देखने आते है। खैर गांव की बात छोड़ो जहां पर गांव के गरीब,मजदूर के नौनिहाल बच्चे पढ़ने जाते है वहां भी बाउंड्री के चारो तरफ इतनी गंदगी है की वारिश के मौसम मे तरह-तरह के कीटाणु सक्रिय है बच्चे कभी भी बीमार पड़ सकते है। जब कभी भी किसी पत्रकार के द्वारा खबर प्रकाशित की जाती है और ब्लॉक के एडीओ पंचायत से संपर्क करके बताया जाता है तो सफाई कर्मचारी मजदूर लगवाकर थोड़ा काम करवाकर के मामले मे लीपापोती कर दिया जाता है। और जब भी सफाई कर्मचारी से संपर्क करने की उम्मीद की जाती है तो यह तो फोन बंद बताता हैं या तो उनके द्वारा नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है। और जब इस सिलसिले मे ब्लॉक के अधिकारियो से संपर्क करके सूचना देने का प्रयास किया जाता है तो एक घण्टें बाद फोन करो यह कहकर फोन काट दिया जाता है। और जब आज विद्यालय मे गंदगी और कूड़े का ढेर लगा हुआ था। तब इसकी जानकारी संपर्क करके एडीओ पंचायत नबाबगंज को देन का प्रयास किया गया तो एडीओ पंचायत ने तहसील दिवस मे बैठे हैं यह कहकर फोन काट दिया। सोचने का विषय यह है की जब अधिकारी समस्या को सुनना नही चाहता तो सोचो समस्या का निष्तारण कैसे होता है। यहां तो बहुत बड़ा सवालिए निशान खडा़ होता है।