
15 वें वित्तीय वर्ष में कराये गये नाली,इंटरलाकिंग,स्ट्रीट लाइट, हैंडपम्प रिबोर,सेल्फी-प्वाइंट समेत अन्य कार्यों में हुआ था जमकर भ्रष्टाचार।
ब्यूरो चीफ आशीष त्रिपाठी
गोण्डा प्राइम समाचार टुडे जिले के वजीरगंज विकासखण्ड के ग्राम पंचायत वजीरगंज में, 15 वें वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधान व सचिव द्वारा कराये गये आधा दर्जन से अधिक मानकविहीन विकास कार्यों की बगैर जाँच किये ही खण्ड विकास अधिकारी ने उन्हें क्लीन चिट देते हुये रिपोर्ट डीएम कार्यालय भेज दिया। जिससे बीडीओ की भ्रष्टाचार रोकने की मंशा पर गंभीर सवाल खड़ा हो गया है।
बता दें कि,15 वें वित्तीय वर्ष में लाखों खर्च होने के बावजूद वजीरगंज ग्राम सभा में लगाये गये घटिया क्वालिटी के, कीमत से काफी कम के सोलर लाइटें,इंटरलाकिंग,कुएं की मरम्मत,यु टाइप नालियाँ,हाॅट कुक के लिये बर्तन,आधा-अधूरा कार्य पूरा कराना,हैंडपम्प रिबोर,सेल्फी-प्वाइंट निर्माण आदि कार्यों हुये भ्रष्टाचार के संबंध में विभिन्न मीडिया में खबर छपी थी।जिसको गंभीरता से संज्ञान में लेतीं हुईं स्वच्छ छवि वाली इमानदार डीएम श्रीमती नेहा शर्मा ने इसकी जाँच बी.डी.ओ.वजीरगंज
पी.के.सिंह को सौंपी थी। जिसके क्रम में उन्होंने अपनी जाँच रिपोर्ट में मानकविहीन कार्यों में भ्रष्टाचार की जाँच कराई ही नहीं,अलबत्ता लोगों के मुताबिक अपनी रिपोर्ट में सिर्फ तीन कार्यों का हवाला देते हुए नये-नये रंगाई कराये तीन कुओं की फोटो लगाकर कार्य हुआ है कि,रिपोर्ट डीएम कार्यालय भेज दी।अब बी.डी.ओ.ने डीएम को गुमराह करने वाली रिपोर्ट क्यों भेजी?आधा दर्जन से अधिक कराये गये
कार्यों की जगह सिर्फ तीन कार्यों को हुआ दिखाते हुये अपनी रिपोर्ट में इन कार्यों में हुये भ्रष्टाचार की जाँच को क्यों गायब कर दिया? वह लोगों में चर्चा का विषय है। हालांकि इससे बी.डी.ओ. पी.के.सिंह की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी तो है ही।जब इस संबंध में पी.के.सिंह से बात की गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुये अपना पल्ला झाड़ लिया। बहरहाल इसकी
उच्चस्तरीय जाँच की आवश्यकता है।तभी नाम के आदर्श वजीरगंज ग्राम सभा में कराये 15 वें वित्त ही नहीं वरन् अबतक कराये गये समस्त विकास कार्यों की हकीकत का कच्चा-चिट्ठा लोगों व जिला प्रशासन के सामने आ जायेगा।