महिला कार्मिकों की सुरक्षा को लेकर शासन सख्त एडवाइजरी जारी कर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम को लेकर दिया निर्देश
कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन को लेकर शासन का निर्देश
1961. कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन
ब्यूरो रिपोर्ट
चंदौली प्राइम समाचार टुडे : कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया वहीं शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महिला कार्मिकों की सुरक्षा एवं उत्पीड़न को लेकर एडवाइजरी जारी की है महिलाओं का कार्यस्थल पर
लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) कानून 2013 मौजूद है। दिसम्बर 2013 को इसके नियम भी जारी कर दिए गए हैं। सन् 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम को पारित किया गया था।जिन संस्थाओं में दस से अधिक लोग काम करते हैं, उन पर यह अधिनियम लागू होता है l
ये अधिनियम, 9 दिसम्बर, 2013, में प्रभाव में आया था। और ये बहुत से अन्य प्रावधानों को भी निहित करता है जैसे: शिकायत समितियों को सबूत जुटाने में सिविल कोर्ट वाली शक्तियाँ प्रदान की है; यदि नियोक्ता अधिनियम के प्रावधानों को पूरा करने में असफल होता है तो उसे 50,000 रुपये से अधिक अर्थदंड भरना पड़ेगा, ये अधिनियम अपने क्षेत्र में गैर-संगठित क्षेत्रों जैसे ठेके के व्यवसाय में दैनिक मजदूरी वाले श्रमिक या घरों में काम करने वाली नौकरानियाँ या आयाएं आदि को भी शामिल करता है।