प्रापर्टी खरीदने वालों को लगा झटका! 7 वर्षों के बाद बड़ा सर्किल रेट, सर्किल रेट बढ़ने से आशियाना बसाना पड़ेगा महंगा
ब्यूरो रिपोर्ट
चंदौली प्राइम समाचार टुडे : हर किसी का सपना होता है, कि उसके पास अपना एक आशियाना हो, लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतों के कारण आम आदमी के लिए शहर में घर बनाना अब और भी कठिन हो गया है. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नवीन सर्किल रेट सूची जारी कर दी गई है जो 20 अगस्त से प्रभावी होगी जानकारी देते हुए सहायक महानिदेशक निबंध चंदौली ने बताया कि जिलाधिकारी निखिल टी फुण्डे के निर्देशानुसार जनपद की नवीन मूल्यांकन सूची दरे लागू कर दी गई है
इसके साथ ही 20 अगस्त 2024 से नई दरों पर संपत्तियों के क्रय विक्रय पर स्टाम्प व निबंधन शुल्क दरें लागू होगी अनुमान लगाया जा रहा है कि सर्किल रेट को 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात की जा रही है, जिससे मकान बनाने की लागत और बढ़ जाएगी. ज्ञात हो कि प्रॉपटी की खरीद-बिक्री में मनमानी रोकने और पारदर्शिता कायम रखने के लिए हर साल सर्किल रेट (अधिकृत सरकारी दर) तय होते हैं। कोई भी खरीद-बिक्री इस दर से कम पर स्वीकार नहीं होती। स्टांप शुल्क भी सर्किल रेट के आधार पर ही देना होता है। पिछले वर्षों में क्षेत्रवार जमीन की बिक्री को ध्यान में रखते हुए नए रेट तय किए गयें है । जिस क्षेत्र में खरीदारों का रुझान अधिक रहा है, वहां दरें बढ़ने की संभावना अधिक है। वहीं कम रुझान वाले इलाकों में सर्किल रेट को स्थिर भी रखा जा सकता है। अमूमन सभी क्षेत्रों में औसतन 15-20 प्रतिशत दाम में वृद्धि की सुगबुगाहट है। सर्किल रेट बढ़ने के बाद खरीदारों को स्टांप शुल्क भी अधिक देना होगा। ऐसे में उन्हें जमीन का सौदा महंगा पड़ सकता है। इसका असर उनके बजट पर भी पड़ना तय है।
सात वर्षों के बाद अचल संपत्तियों पर नवीन सर्किल रेट सूची लागू
उत्तर प्रदेश शासन स्तर पर 7 वर्षों के अंतराल के बाद सर्किल रेट अधिकृत सरकारी दरें तय कर दिए गए हैं जिसकी जानकारी देते हुए सहायक महानिरीक्षक निबंधन चंदौली ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार जनपद चंदौली की नवीन मूल्यांकन सूची दरें लागू कर दी गई हैं। इसके साथ ही दिनांक 20 अगस्त 2024 से नई दरों पर संपत्तियों के क्रय विक्रय पर स्टांप व निबंधन शुल्क लिया जाएगा।
आदेश की अनदेखी पर बढ़ेगी मुश्किलें
शासन स्तर पर लगभग एक सप्ताह पहले उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में सर्किल रेट लागू करने संबंधित आपत्तियों का प्रकाशन किया जा चुका है जिस पर संबंधित सर्कल अधिकारियों को प्राप्त आपत्तियों के आधार पर निस्तारण किया जाना था वही यह आदेश लागू होने के उपरांत किसी भी खरीदार द्वारा आदेशों की अनदेखी जानबूझकर की गई तो दाखिल खारिज या अभिलेखिय समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है