नागपंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। दंगल और कबड्डी प्रतियोगिता हुई आयोजित

रिपोर्टिंग बाई- जलील अंसारी
कमालपुर प्राइम समाचार टुडे: शुक्रवार को कमालपुर क्षेत्र में नागपंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया। शिव मंदिरों में शिव के साथ ही नाग देवता की पूजा की गई। लोगों ने कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विभिन्न मंदिरों व तालाबों के पास पूजा-अर्चना कराई। ग्रामीण क्षेत्रों में दंगल और कबड्डी प्रतियोगिता भी कराई गई।
नागपंचमी के अवसर पर घर में सुख संपन्नता व समृद्धि के लिए सुबह परम्परागत परिधानों में सजी धजी महिलाओं और लड़कियों ने शिवमंदिर पहुंच पूजा अर्चना की। सुबह से घरों के बाहर गोबर से नाग देव का चिन्ह बनाकर उसकी पूजा की। महिलाओं ने नागदेव की कथा भी सुनी। श्रावण मास के चलते शिव मंदिरों के बाहर तमाम सपेरे नाग के साथ नजर आए। शिवभक्तों ने मंदिर में दर्शन करने के बाद नाग के जोड़ों के आगे श्रद्धा के साथ नतमस्तक हुए। कुछ ने नाग को दूध और लावा भी चढ़ाया। जिन लोगों की
जन्मकुंडली में कालसर्प दोष है, उन्होंने दोष से निवारण के लिए खास पूजा की। नागपंचमी के अवसर पर गांवों में बच्चों और महिलाओं ने जमकर झूले का लुत्फ उठाया। घरों में मिठाइयां और पकवान तैयार किए गए।कई स्थानों पर कबड्डी व कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
क्यों मनाई जाती हैं नागपंचमी
हर साल सावन शुक्ल पंचमी के दिन नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है, इस दिन नागों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कुंडली में काल सर्प दोष आदि दूर होते हैं। साथ ही सांपों के कारण होने वाले अनिष्ट का भय समाप्त होता है।