ज्योति कॉन्वेंट स्कूल में धूमधाम से मनाई गई मुंशी प्रेमचंद की जयंती संगम प्रतियोगिता का हुआ पुरस्कार वितरण
रिपोर्टिंग बाई: कृष्ण मोहन गुप्ता
पीडीडीयू/चंदौली। प्राइम समाचार टुडे: अलीनगर,सकलडीहा रोड स्थित ज्योति कॉन्वेंट स्कूल में दिन बुधवार को मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती अस्मिता नाट्य संस्थान के तत्वाधान में धूमधाम से मनाया गया। साथ ही विद्यालय में 23 जुलाई को संपन्न हुए काव्य संगम के तहत कहानी एवं कविता प्रतियोगिता में प्रतिभाग किये
विजेता छात्रों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रत्न लाल श्रीवास्तव वरिष्ठ समाजसेवी और संस्था के महासचिव विजय कुमार गुप्ता ने मुंशी प्रेमचंद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान रतनलाल श्रीवास्तव ने मुंशी प्रेमचंद जी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की इनके द्वारा रची गई
साहित्य एक धरोहर के समान है। इन्हें हमें संभाल कर अनवर्त रखना होगा, इनके द्वारा रचित कहानी ईदगाह पर छात्रों को और समझाया की हामिद ईद के मेले में से अपने मां के लिए चिमटा लाया यह चिमटा मां के लिए रोटी बनाने के लिए लाया बिना चिमटा के उसके मां के हाथ जल जाते थे। आज समाज में ऐसे ही हामिद की जैसे बच्चों की जरूरत है जो अपने माता-पिता को तकलीफ को समझ पाए,आज ऐसी शिक्षा की कमी है। आज समाज में देखने को मिल रहा है वृद्ध मां-बाप को लोग आज वृद्ध आश्रम में भेज रहे है।
जो एक बेटे और समाज के मुंह पर तमाचा है।वही 23 जुलाई को संपन्न हुए प्रतियोगिता मेंजिसमें कक्षा 5,6,7 और 8 के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किए थे।इन छात्रों के द्वारा लिखे कहानी और कविताएं इस प्रकार से थी इनका प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए चयन कर पाना बड़ा मुश्किल था। लेकिन कड़ी मश्कत के बाद चयन किया गया। वही कक्षा 5 पांच से प्रथम खुशी कुमारी गौतम,द्वितीय मुस्कान कुमारी,तृतीय आरुषि पांडेय वही कक्षा 6 ‘ए’ से प्रथम रितिका कुमारी, द्वितीय सृष्टि मिश्रा,तृतीय श्रेया यादव रही।वही 6 ‘बी’ से प्रथम अवंतिका चौहान,द्वितीय अंशिका यादव,तृतीय माही मिश्रा रही।वही कक्षा 7 से प्रथम स्वाती राज,
द्वितीय हर्षिता कुमारी,तृतीय साक्षी कुमारी रही।वही कक्षा 8 से प्रथम आयुष सिंह,द्वितीय सिद्धि जायसवाल,तृतीय सादिया परवीन रही। इस दौरान विद्यालय के चेयरपर्सन कृष्ण मोहन गुप्ता ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं आज भी जीवंत है वही कहा की साहित्यकार अन्य लोगों से अधिक संवेदनशील होता है उसके अंदर समाज एवं सौंदर्यबोध की वृत्ति जितनी अधिक जागृत और सक्रिय होगी वह उसी अनुपात में प्रभावशाली साहित्य की रचना कर सकता है। साहित्यकार अभद्रता, असुंदरता,अन्याय से लड़ता है और साहित्य के माध्यम से उसका पर्दाफाश करता है। इस दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार मौर्य, प्रकाश मंडल,घनश्याम विश्वकर्मा,दिनेश शर्मा, हेमंत विश्वकर्मा,विशाल विश्वकर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।