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विकास कार्यों में धांधली को लेकर किए गए 88 आइजीआरएस। मात्र एक मामलें की हुई जांच।

ब्यूरो चीफ आशीष त्रिपाठी
नवाबगंज (गोण्डा) प्राइम समाचार टुडे
क्षेत्र के मैनपुर गांव में मनरेगा और ग्राम निधि से कराये गये कार्यों में व्यापक धांधली को लेकर ग्रामीणों 88 बार आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करायी थी लेकिन स्थानीय अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से उन सभी आइजीआरएस का निस्तारण किया गया था। जिसके बाद विभिन्न शिकायत कर्ताओं द्वारा पोर्टल पर असंतुष्टि

का फीडबैक दिया गया। जिसके बाद शासन द्वारा इन सभी का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी को इन सभी आइजीआरएस का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके बाद जिलाधिकारी गोंडा नेहा शर्मा ने उपजिलाधिकारी तरबगंज विशाल कुमार को नोडल अधिकारी बनाते हुए इन सभी 88 आइजीआरएस की जांच और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के लिए निर्देशित किया है। जिसके उपजिलाधिकारी

ने पत्र जारी करते हुए डीसी मनरेगा, एडीओ पंचायत नवाबगंज, खंड विकास अधिकारी और तहसीलदार को तलब किया गया और मामलों के संबंध में जानकारी ली। उपजिलाधिकारी तरबगंज विशाल कुमार ने खंड विकास अधिकारी नवाबगंज विजयकांत मिश्रा को शिकायत कर्ताओं से मिलकर जांच करने और सही रिपोर्ट करने के लिए निर्देशित किया था। उपजिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह क्रास चेकिंग भी करायेंगे। ऐसे में यदि किसी अधिकारी द्वारा गलत रिपोर्टिंग की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई करायी जायेगी।

सोमवार को खंड विकास अधिकारी विजयकांत मिश्रा,एडीओ पंचायत नंद कुमार, ग्राम सचिव अमित पटेल, जेई अजय कुमार मौर्या गांव में पंहुचे।
सभी अधिकारियों ने दर्जनों ग्रामीणों की मौजूदगी में गांव के मैनपुर खास मजरे में नवनिर्मित आरसीसी सड़क की बारीकी से जांच की।जांच में यह पता चला कि 150 मीटर के इस्टीमेट में 170 मीटर सडक का निर्माण किया गया है। पूछने पर जेई ने कहा कि इस्टीमेट से लंबी सडक बनने के कारण इसकी थिकनेस में कमी आ गई है।
खंड विकास अधिकारी ने बताया कि आरसीसी सड़क निर्माण में कुछ खामियां मिली हैं जिन्हें दूर करवाने के लिए सचिव, ग्राम प्रधान एंव जेई को निर्देशित किया गया है।
वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण में 12 लाख रुपये निकाले गए लेकिन निर्माण अधूरा है। मनरेगा योजना के तहत तालाब सौन्दर्यीकरण के लिए 1 लाख 52 हजार रुपये निकाले गए लेकिन कार्य जेसीबी द्वारा कराया गया। मनरेगा योजना के तहत दयाराम पुरवा पक्की सडक से नहर तक चकमार्ग पर मिट्टी पटाई के लिए करीब 02 लाख रुपये निकाले गए लेकिन मिट्टी पटाई सिर्फ कागजों पर हुई। शाॅकपिट के लिए 01 लाख 75 हजार रुपये का भुगतान कराया गया लेकिन एक भी शाकपिट नहीं बना। इसके अतिरिक्त विभिन्न विकास कार्यों के नाम पर भुगतान कराने के बाद भी कोई कार्य नहीं हुआ जो विकास कार्य हुए भी उनमें व्यापक धांधली की गई।
ग्रामीणों में सूरज दूबे, राजबाबू दूबे, सोनू, मोनू पांडे, लायक अली, गुड्डु, अनिल दूबे, रामनाथ भारती, उदय नरायन, अभय शुक्ला आदि का आरोप है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई। सडक की जांच में भी लीपापोती करते हुए खंड विकास अधिकारी ने कहा कि पुराने आइजीआरएस शिकायतों को भूल जाइए आगे से कोई समस्या हो तो आइजीआरएस करने से पहले मुझे अवगत करायें।
खंड विकास अधिकारी विजयकांत मिश्रा ने कहा कि असंतुष्टि फीडबैक वाले आइजीआरएस की जांच कराई जायेगी।

Prime Samachar Today

नमस्कार मित्रो मैं prime samachar today चैनल का सीईओ की भूमिका निभा रहा हु

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