लेखपालों का तीसरे दिन भी धरना रहा जारी, मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा धरना, वार्ता रही विफल, एसडीएम द्वारा निलंबन का चल रहा मामला
ब्यूरो रिपोर्ट
सकलडीहा प्राइम समाचार टुडे बुद्धवार को तहसील परिसर में निलंबन एवं अन्य मांगों को लेकर तीसरे दिन भी लेखपालों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा धरने के समर्थन में लेखपाल संघ द्वारा अपनी मांगोंतकधरना जारी रखने की बात करें इस दौरान लेखपालों ने तहसील प्रशासन एवं लेखपालों के निलंबन को लेकर जोरदार नारेबाजी किया प्रदेश कोषाध्यक्ष ने कहा कि अधिकारियों के तानाशाह रवैया के आगे लेखपाल पूरी तरह से बेबस और लाचार है एक तरफ जहां लेखपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर की कार्रवाई की आस लगाकर उच्चाधिकारी अनावश्यक रूप से काश्तकारों पर मुकदमे का दबाव बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बेवजह मुकदमों में लेखपाल वादी बनकर विवादों से घिरता जा रहा है
लेखपालों के अनिश्चितकालीन धरने से फरियादियों को काफी परेशानियों को करना पड़ रहा सामना
एक तरफ जहां फरियादी अपने विभिन्न समस्याओं को लेकर तहसील आ रहे हैं वहीं लेखपालों के धरने के कारण मायूस होकर लौट जा रहे हैं आखिर विभागीय खीचातान के बीच फरियादी अनावश्यक से रूप से पीसे जा रहे हैं बात करें निलंबन की कार्रवाई की तो कुछ काश्तकार सहित आम जनमानस सही बताते नजर आ रहे हैं तो कहीं कार्रवाई को गलत भी ठहरा रहे हैं प्राइम समाचार टुडे से बातचीत में लेखपाल संघ कोषाध्यक्ष ने कहा कि जिस कार्रवाई को लेकर लेखपालों का निलंबन किया गया है वह कार्रवाई लेखपालों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है इस तरह की कार्रवाई पूरे तानाशाही व्यवस्था को प्रदर्शित करती है कहां की ऐसा कौन सा गांव है जहां पर सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण नहीं है एक तरफ सूबे के मुखिया का आदेश है कि जो 12 वर्ष या उससे अधिक से सरकारी जमीन पर काबीज है उसके ऊपर कोई भी राजस्व की कार्रवाई न की जाए इतना ही नहीं हाई कोर्ट का डायरेक्शन है कि राजस्व विभाग द्वारा 3/5 के मुकदमे नहीं किए जाएं लेकिन एसडीएम सकलडीहा द्वारा दबाव बनाकर 3/5 के मुकदमे लेखपालों के माध्यम से कराया जा रहा है और उसके बाद निलंबन की भी कार्रवाई की जा रही है
कितना सही है निलंबन की कार्रवाई
अगर बात आम जनमानस की जाए तो अक्सर जमीनी विवाद में राजस्व कर्मियों के लापरवाही की शिकायतें देखी जाती हैं काश्तकारों द्वारा या जमीनी विवाद में पैमाइश या अन्य राजस्व की कार्रवाई को लेकर आम जनमानस असंतुष्ट नजर आता है साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए जाते हैं उच्चाधिकारियों का कहना है कि निलंबन की कार्रवाई आम जनमानस के शिकायतों के आधार पर की गई है लेखपालों द्वारा धरने के माध्यम से निलंबन की कार्रवाई वापस कराने का दबाव बनाया जा रहा है इन्हीं सब सवालों के घेरे में लेखपालों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा
विभागीय लापरवाही पर लगातार जारी रहेगी कड़ी कार्रवाई – एसडीएम
लेखपालों के धरने एवं निलंबन की कार्रवाई के बारे में बातचीत करने पर एसडीएम अनुपम मिश्रा ने कहा कि किसी भी परिस्थितियों में आम जनमानस की समस्याओं को दरकिनार करना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा शासन की मंशानुसार एवं विभागीय निर्देशों का अक्षरश पालन करते हुए काश्तकारों की समस्या एवं जमीनी विवादों को गंभीरता पूर्वक ध्यान में रखकर समस्याओं के निराकरण को लेकर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाती है निलंबन किए गए लेखपालों द्वारा अपने उत्तरदायित्वों के प्रति लापरवाही बरती गई साथ ही आम जनमानस एवं विभागीय आदेशों को दरकिनार किया गया जिसको लेकर यह निलंबन की कार्रवाई की गई है